कृष्णा भजन - श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
ना कोई और है,ना कोई ठौर है
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है
तेरी कबसे राह देखूं साँवरे प्रीतम
आजा हरले पीर मेरी काट सारे गम
तू ही उगता सूरज तू ही भोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
दुनिया कहती है मूझे तू साथ है मेरे
तुझको क्या है गम श्यामजी साथ हैं तेरे
दिखलाओ शक्ति में कितना जोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
कुछ ना मांगू आपसे इतनी कृपा करना
मेरे मन मंदिर में गिरधर यूँ सदा रहना
थाम ले बइयाँ तू ही मेरा चितचोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है
तेरे सिवा जग में ना कोई और है
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।