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श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो

श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो, दीवाना बनाते हो सारे राग जगाते हो, राधे प्याल बजाती हो या मुझे बुलाती हो, सारा दिन तड़पाती हो सारी रात जगाती हो, श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो, तेरी मुरली की धुन मुझको मेरे मन को मीत बनाती है, तेरी पायल की छनकार को मुझको नाच नाचती है, तुम रास रचाते हो जा मुझे बुलाते हो, श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो, तेरी काली काली आँखों में ये काला काला बादल है, ये काला काला बदल नहीं मेरी आँखों का ये काजल है, तुम प्रीत बढ़ाती हो या मुझे बुलाती हो, श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो, तुझमे समा जाऊ मैं कान्हा तुम मुझमे ही समा जाओ, राधे हम दोनों इक है इक रूप में राधा आ जाओ, लेके अवतार आते हो या मुझे बुलाते हो श्याम बंसी बजाते हो या मुझे बुलाते हो,
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