डिफ़ॉल्ट
गर्म
प्रकृति

शरद नवरात्रि दिन 2 - माँ ब्रह्मचारिणी पूजा, विधि और महत्व

Brahmacharini
शरद नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना के लिए होता है। ब्रह्मचारिणी, तप और साधना की देवी हैं। इनकी पूजा से साधक को आत्मसंयम, भक्ति और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है।

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

  • माँ ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है। वे तपस्या और भक्ति की प्रतीक हैं।
  • इनका स्वरूप साधकों को कठिनाइयों में धैर्य और साहस देता है।
  • इनकी पूजा से तप, ज्ञान और वैराग्य की वृद्धि होती है।

पूजा विधि

  • सुबह स्नान के बाद व्रत संकल्प लें।
  • माँ ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा/चित्र को गंगाजल से शुद्ध कर पुष्प अर्पित करें।
  • धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाएँ।
  • ब्रह्मचारिणी मंत्र का जप करें:
    ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
  • नवदुर्गा स्तोत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना उत्तम माना जाता है।

महत्व

  • ब्रह्मचारिणी पूजा से साधक को त्याग और संयम की शक्ति मिलती है।
  • यह दिन साधकों को ज्ञान की ओर अग्रसर करता है।
  • परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
शरद नवरात्रि का दूसरा दिन साधना और आत्मबल को मजबूत बनाने वाला दिन है। माँ ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से जीवन में संयम, धैर्य और सफलता प्राप्त होती है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

लोकप्रिय टैग

भजन और भक्ति गीत संग्रह दुर्गा माता भजन और गीत | माँ शक्ति संग्रह कृष्ण भजन और गीत | राधा-कृष्ण भक्ति संगीत संग्रह हनुमान भजन और गीत | बजरंगबली संग्रह राम भजन और गीत | प्रभु श्रीराम की स्तुति संग्रह