सांवरी सुरतिया हाथो में बासुरिया
और घुंघरारे बाल...
सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल
वृन्दावन की कुंज गलिन में
भागतो दौडतो देख्यो
देख्यो री सखी भागतो दौडतो देख्यो
जंगल बिच में गईया चरावतो
कांधे काडो शाल
सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल
लुकतो छिपतो पनघट उपर
सबकी मटकी फोड़े
फोड़े रे सखी सबकी मटकी फोड़े
घर घर जावतो माखन चुरावतो
प्यारो यशोदा रो लाल
सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल
सांवरी सुरतिया हाथो में बासुरिया
और घुंघरारे बाल...
सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल