श्री कृष्ण - मन के बहकावे में ना आ

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मन के बहकावे में ना आ भगवान श्री कृष्ण को समर्पित भक्ति भजन है। इस भजन के माध्यम से श्री कृष्ण अपने भक्तों से कहते है की मन की बातों में नहीं आना चाहिए, अपने मन को काबू में रखना चाहिए, जिससे तुम्हारा उद्धार हो सके। यह भजन भक्तों को भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और विश्वास को व्यक्त करने में मदद करता है और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।

मन के बहकावे में ना आ मन राह भुलाये भ्रह्म में डाले, तू इस मन का दास ना बन, इस मन को अपना दास बनाले, तू इस मन….. जूठी काया जूठी माया, जूठा जग सब ध्यान हटाले, पल भर के सब संगी साथी, एक ईश्वर का नाम रटाले, तू इस मन……. सुख- दुःख हे सब मन के खिलोने, इस मन को तू आज बताले, खोया न रे वस् मन के भरोसे, विषियो से वैराग करा ले, तू इस मन….. मन के चलत हे जो भी प्राणी, अंत समय सब दुःख ही पाते, ऐसा सतगुरु मन के बनाले, जो आवा गमन सब आप, तू इस मन….. भ्रह्म का ध्यान पड़े मन के जब, बुद्धि चित प्रभु प्रेम जगाले, धरम तंवर ये कहते हे भाई, मन की चाल समज नी पाई, तू इस मन…….

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