कूदे यमुना में कन्हैया ले के मुरली
कूदे यमुना में कन्हैया लेके मुरली
लेके मुरली हा लेके मुरली
कूदे यमुना में कन्हैया लेके मुरली
कूद पड़े बनवारी जल में ग्वाले रोवे सारे
कुछ तो ग्वाले घर को भागे
यशोदा जाये बताए
जल में कूदे रे कन्हैया ले के मुरली
रोते रोते माता यशोदा यमुना तट पर आई
मुझे छोड़कर कहा चले ओ
प्यारे कृष्ण कन्हाई
खड़ी रोवे तेरी मैया लेके मुरली
जल में कूदे रे कन्हैया ले के मुरली
कृष्ण गए पाताल लोक में नागिन बैठी पाई
सोया नाग जगादे नागिन
बोले कृष्ण कन्हाई
गेंद देदे री नगनिया लेके मुरली
जल में कूदे रे कन्हैया ले के मुरली
इतना सुनकर नागिन ने विषधर को दिया जगाये
लगी फुंकार बदन हुआ काला
चढ़े शीश पर आये
काले पड़ गए रे कन्हैया लेके मुरली
जल में कूदे रे कन्हैया ले के मुरली
थोडा थोडा करके प्रभु ने अपना बदन बढाया
चरण पकड़कर नागिन बोली
छोडो पति हमारा
तब से हो गये नाथ नथैया लेके मुरली
कूदे यमुना में कन्हैया लेके मुरली
कूदे यमुना में कन्हैया लेके मुरली
लेके मुरली हा लेके मुरली
कूदे यमुना में कन्हैया लेके मुरली
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