कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना
कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना
ये नाता टूटे ना क्यों हमसे रूठे ना
तेरे बिना ये गोकुल सुना
तेरे बिना भी क्या जीना
बचपन से तूने प्रीत लगायी
प्रीत लगाके कान्हा क्यों बिसराई
क्यों हम से रूठे ना क्यों हम से बोले ना
तेरे बिना ये गोकुल सुना
तेरे बिना भी क्या जीना
ग्वाल पुकारे गौये निहारे
जमुना तट पे रस्ता निहारे
गोकुल की गलियों में मधुबन की गलियों में
तेरे बिना ये गोकुल सुना
तेरे बिना भी क्या जीना
कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना
ये नाता टूटे ना क्यों हमसे रूठे ना
तेरे बिना ये गोकुल सुना
कन्हैया रे तेरे बिना भी क्या जीना
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