हनुमान तुम बताओ मेरी जानकी कहाँ है
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हनुमान तुम बताओ मेरी जानकी कहाँ है
कुछ तो दशा बताओ रहती सिया जहाँ है।।
हनुमान तुम बताओ मेरी जानकी कहाँ है
राजा की वो दुलारी महलों में रहने वाली
उसके बिना हुई है मेरे मन की कुटिया खाली
हे लाल केसरी के कहों हाल उसके क्या है
हनुमान तुम बताओ मेरी जानकी कहाँ है
सारे जग से बंधन तोड़ा, बस मुझसे नाता जोडा
दुविधा हमारी देखों हमने भी सिय को छोडा़
मेरे लाल कुछ तो बोलों उसके मन में क्या है
हनुमान तुम बताओ मेरी जानकी कहाँ है
बड़भागी हो बलि तुम जो देखी मेरी सीता
अपने भी भाग्य जागे साथी मिला कपीसा
संयोग बोले रघुवर मुझपे तेरी दया है।
हनुमान तुम बताओ मेरी जानकी कहाँ है
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