ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥
यह मंत्र देवी काली को समर्पित एक शक्तिशाली आह्वान है। यहां प्रत्येक घटक का विवरण और अर्थ दिया गया है:
ओम - मौलिक ध्वनि परम वास्तविकता, सार्वभौमिक चेतना और ब्रह्मांड के सार का प्रतिनिधित्व करती है। यह जीवन के सभी पहलुओं में दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है।
क्रीं - देवी काली से संबंधित एक बीज मंत्र। यह उसकी परिवर्तनकारी, सुरक्षात्मक और रचनात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। "क्रीम" का उपयोग काली की शक्ति का आह्वान करने, परिवर्तन, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा और आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए उनका आशीर्वाद मांगने के लिए किया जाता है।
कालिके - यह सीधे तौर पर देवी काली, दिव्य स्त्री के उग्र और शक्तिशाली पहलू को संदर्भित करता है। काली को बुराई के विनाश, परिवर्तन और मुक्ति में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।
स्वाहा - एक शब्द जिसका प्रयोग मंत्रों के अंत में किसी भेंट या आह्वान को दर्शाने के लिए किया जाता है, जिसका अनुवाद अक्सर "ऐसा ही हो" या "जय हो" के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग मंत्र को अधिक शक्तिशाली बनाने और देवता को स्वयं या अपने कार्यों को अर्पित करने के लिए किया जाता है।
इन सबको एक साथ रखने पर, मंत्र का अनुवाद इस प्रकार होता है:
"ओम, मैं क्रीं ध्वनि के साथ देवी काली की दिव्य ऊर्जा का आह्वान करता हूं। काली की जय हो, मैं अपना नमस्कार और समर्पण करता हूं।"
देवी काली का आशीर्वाद, सुरक्षा और परिवर्तनकारी शक्ति प्राप्त करने के लिए अक्सर इस मंत्र का जाप किया जाता है। इसका उपयोग बाधाओं को दूर करने, नकारात्मकता को दूर करने और आध्यात्मिक विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उसकी उग्र ऊर्जा का आह्वान करने के लिए किया जाता है।