इस मतलब की दुनिया में
कहीं मिलता सच्चा प्यार नहीं
इस मतलब की दुनिया में
कहीं मिलता सच्चा प्यार नहीं
देख बना कर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं
भले ही मूरत बनकर कर बैठा,
पर है तेरे साथ खड़ा
आए संकट जब भी तुझ पर,
तुम से पहले श्याम लड़ा...
लौटा हो मायूस कभी कोई
यह ऐसा दरबार नहीं
देख बना कर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं
जिसने शीश का दान दीया हो
उनको तुम क्या परखोगे
जो ना कृपा इनकी हो तो
पानी को भी तरसोगे..
मोह माया से रिझता हो यह,
ऐसा साहूकार नहीं
देख बना कर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं -
कहता राज के दुख मैं अपना,
धीरज ना खोना प्यारे
कहीं और ना जाना तुम बस,
इनसे ही कहना प्यारे
कहता राज के दुख मैं अपना,
धीरज ना खोना प्यारे
कहीं और ना जाना तुम बस,
इनसे ही कहना प्यारे
श्याम को जिसने जीत लिया,
कभी होती उसकी हार नहीं
श्याम को जिसने जीत लिया,
कभी होती उसकी हार नहीं
देख बना कर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं
इस मतलब की दुनिया में
कहीं मिलता सच्चा प्यार नहीं
देख बना कर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं
देख बना कर श्याम को साथी,
इनसे सच्चा यार नहीं