काली देवी हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शक्ति और विनाश की देवी माना जाता है। उनका वर्णन एक भयावह और शक्तिशाली रूप में किया गया है, जिसमें वे काले रंग की होती हैं, उनकी चार या अधिक भुजाएँ होती हैं, और वे अपने हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं। उनके गले में नरमुंडों की माला और कमर में कटे हुए हाथों की माला होती है।
काली का सबसे प्रसिद्ध मंदिर कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर है। काली देवी का नाम 'काल' से निकला है, जिसका अर्थ है समय। वे समय की देवी मानी जाती हैं और उनके रूप में संसार की विनाशक और पुनर्निर्माण शक्ति दोनों ही समाहित हैं।
काली की पूजा विशेष रूप से तांत्रिक परंपराओं में की जाती है, और उनके भक्त उन्हें माँ का दर्जा देते हैं। वे संकटों को दूर करने और अपने भक्तों की रक्षा करने वाली देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। काली पूजा का प्रमुख पर्व काली पूजा है, जो दिवाली के समय मनाया जाता है।
विशेषताएँ और प्रतीक:
श्मशान काली/b>: वे काली माँ की एक प्रमुख रूप हैं, जो शवों के मैदान में रहती हैं और भयानक स्वरूप में दिखाई देती हैं।
छोटी काली: यह रूप उन्हें उन्हें दयालु और संजीवनी माँ के रूप में दिखाता हैं, जो अपने भक्तों को संकटों से बचाती हैं।