शिव महिमा:ऐसा दरबार कहाँ ऐसा दातार कहाँ

shivji
"ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ" एक प्रसिद्ध भक्ति भजन है जो भगवान शिव की महिमा और उनके अनोखे दरबार का वर्णन करता है। इस भजन में भगवान शिव के अनंत गुणों और उनकी कृपा का बखान किया गया है। इस भजन को गाते समय भक्त भगवान शिव की भक्ति और उनकी कृपा के प्रति अपना समर्पण प्रकट करते हैं। भगवान शिव के दरबार में आने वाले सभी भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ भक्तों को देता है जो, भोले जैसा प्यार कहाँ ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ जो भी आया तेरे द्वार, खुशहाल हो गया सूनी पड़ी झोलियाँ, मालामाल हो गया तेरे दर की भीख में, बड़ा सुख पाता है तेरे दर से जो भी जाए, सब कुछ पाता है दुखियों का रखवाला, संकट हरने वाला ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ भक्तों को देता है जो, भोले जैसा प्यार कहाँ ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ जग में तेरे जैसा, कोई भी नही दानी हर दम करे भला, सबकी सुनता कहानी सबसे निराला है, तुझसा भोला भाला है तेरा कोई ना जवाब, जग में रखवाला है तेरे जैसा भोला, सारा जग में ना ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ भक्तों को देता है जो, भोले जैसा प्यार कहाँ ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ

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