श्रीकृष्ण भक्ति | मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,घनश्याम सांवरिया मेरे

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मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे, घनश्याम सांवरिया मेरे….. तेरे बिना मेरा है कौन यहाँ, प्रभु तुम्हे छोड़ मैं जाऊं कहाँ, मैं तो आन पड़ा हूँ दर तेरे, घनश्याम सांवरिया मेरे… मेने जन्म लिया जग में आया, तेरी कृपा से ये नर तन पाया, तूने किये उपकार घनेरे, घनश्याम सांवरिया मेरे… मेरे नैना कब से तरस रहे, सावन भादों हैं बरस रहे, अब छाए घनघोर अंधेरे, घनश्याम सांवरिया मेरे… प्रभु आ जाओ प्रभु आ जाओ, अब और ना मुझको तरसाओ, काटो जन्म मरण के फेरे, घनश्याम सांवरिया मेरे… जिस दिन से दुनिया में आया, मैंने पल भर चैन नहीं पाया, सहे कष्ट पे कष्ट घनेरे, घनश्याम सांवरिया मेरे…


यह पंक्तियाँ भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से जुड़ी हुई हैं, जो उनके प्रति अटूट श्रद्धा और समर्पण को दर्शाती हैं।
भावार्थ
  • यह एक भजन या भक्ति गीत की पंक्तियाँ हो सकती हैं, जिनमें भक्त श्रीकृष्ण से अपनी निःस्वार्थ भक्ति और पूर्ण समर्पण व्यक्त कर रहा है।
  • "घनश्याम सांवरिया" का अर्थ है श्रीकृष्ण, जो सांवले रंग के कारण भक्तों द्वारा इस प्रेमपूर्ण नाम से पुकारे जाते हैं।
  • इसका संदेश है कि संसार में कोई सच्चा सहारा नहीं, केवल भगवान श्रीकृष्ण ही जीवन की कठिनाइयों में सच्चा मार्गदर्शन और सहारा देते हैं।

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