"अधरं मधुरं" श्रीवल्लभाचार्य द्वारा रचित मधुराष्टकम् का एक अंश है। मधुराष्टकम् भगवान कृष्ण की मधुरता का गुणगान करने वाला एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इस मधुराष्टकम् का पाठ करने से भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की मधुरता और उनके प्रेम का अनुभव होता है। यह स्तोत्र भगवान की भक्ति और उनके प्रति प्रेम को प्रकट करता है। इसमें भगवान के हर अंग और उनके हर कार्य को मधुर बताया गया है। यहां "मधुराष्टकम्" का पाठ दिया गया है:
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