मझधार मे है नैया
और दूर किनारा है
आ जाओ बजरंगी
अब तेरा सहारा है
संकट मोचन आओ
दुखियों ने याद किया
हे पवनपुत्र मन से
हमने फरीयाद किया
तुमने तो हम जैसे
लाखों को उबरा है
आ जाओ बजरंगी
अब तेरा सहारा है
जैसे सीता माँ को
जा धीर बँधाया था
और जैसे विभीषण को
सतमार्ग बताया था
वैसी ही आस लिए
हमने भी पुकारा है
आ जाओ बजरंगी
अब तेरा सहारा है
जिस भी गुलशन के तुम
रखवाले बन जाते
भूले से वहाँ फिर तो
दुख दर्द नहीं आते
भारी हर संकट पे
एक तेरा इशारा है
आ जाओ बजरंगी
अब तेरा सहारा है
